वकील करते प्रार्थना, कलम चले सरपट्ट,
भाई-भाई में चलें, चाकू-गोली-लट्ठ।
चाकू-गोली-लट्ठ, मवक्किल भागे आएँ,
उनकी पाकिट मेरी पाकिट में आ जाएँ।
केस लड़े वर्षों तक, कोई टरे नटारे,
हारे सो मर जाय, और जीते सो हारे।
पोपुलर मेरठी, सागर खय्यामी, रहत इन्दोरी, काका हाथरसी, हुल्लड़ मुरादाबादी, शैल चतुर्वेदी, ॐ प्रकाश आदित्य, सुरेन्द्र शर्मा , अशोक चक्रधर, प्रदीप चौबे की हास्य व्यंग रचनाए और कविताए|
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