रसगुल्ले सब खा लिए और मिठाई छोड़,
मम्मी से कहने लगा मुन्ना नाक सिकोड़।
मुन्ना नाक सिकोड़, सख्त हैं लड्डू ऐसे,
तुम्हीं बताओ, मम्मी इनको तोडूं कैसे?
‘तोड़ लिए तेरे पापा ने चार विधायक,
तुझसे लड्डू नहीं टूटता है नालायक?’
पोपुलर मेरठी, सागर खय्यामी, रहत इन्दोरी, काका हाथरसी, हुल्लड़ मुरादाबादी, शैल चतुर्वेदी, ॐ प्रकाश आदित्य, सुरेन्द्र शर्मा , अशोक चक्रधर, प्रदीप चौबे की हास्य व्यंग रचनाए और कविताए|
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