कोई कुत्ता भौंके ,
तो क्या तुम रह सकते हो,
बिना चौंके,
अगर रह सकते हो
तो या तो तुम बहरे हो,
या फिर बहोत गहरे हो |
पोपुलर मेरठी, सागर खय्यामी, रहत इन्दोरी, काका हाथरसी, हुल्लड़ मुरादाबादी, शैल चतुर्वेदी, ॐ प्रकाश आदित्य, सुरेन्द्र शर्मा , अशोक चक्रधर, प्रदीप चौबे की हास्य व्यंग रचनाए और कविताए|
1 comments:
अचानक तुम्हारे पीछे
कोई कुत्ता भौंके ,
तो क्या तुम रह सकते हो,
बिना चौंके,
ashok ji ham to chook gae hain......bahur achcha laga
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