महबूब वादा कर के भी आया ना दोस्तों
क्या क्या किया ना हम ने यहाँ उस के प्यार में
मुर्गे चुरा के लाये थे जो चार
दो आरजू में कट गए, दो इंतज़ार में
पोपुलर मेरठी, सागर खय्यामी, रहत इन्दोरी, काका हाथरसी, हुल्लड़ मुरादाबादी, शैल चतुर्वेदी, ॐ प्रकाश आदित्य, सुरेन्द्र शर्मा , अशोक चक्रधर, प्रदीप चौबे की हास्य व्यंग रचनाए और कविताए|
1 comments:
now I stay tuned!
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